कहीं आपके स्मार्टफोन की जानकारी तो नहीं हो रही चोरी.

Rajendra Kumar Verma
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कहीं आपके स्मार्टफोन की जानकारी तो नहीं हो रही चोरी.


क्या आपको पता है कि आपके स्मार्टफोन में मौजूद एप्स आपकी कई जानकारियों के बारे में जानते हैं? क्या आपको पता है कि कुछ एप्स ऐसे भी हैं, जो यहां तक सुन सकतें हैं कि आप टीवी पर क्या देख रहे हैं। इसके अवाला इन एप्स को ये भी पता होता है कि आप घर के बाहर किस मूवी थिएटर में हैं और कोन सी मूवी देख रहे हैं। ऐसे में आपके स्मार्टफोन की जानकारी एक छोटी सी लापरवाही के चलते लीक हो सकती है। डाटा जानकारी को लेकर होने वाले छेड़छाड़ को इस तरह समझा जा सकते है, कि हाल ही में एक रिपोर्ट आई जिसमें बताया गया कि करोड़ों फेसबुक यूजर्स की जानकारी के साथ छेड़छाड़ हुआ।










दरअसल कैंब्रिज ऐनालिटिका नाम की एक फर्म ने फेसबुक के करोड़ो यूजर्स के डाटा के साथ छेड़छाड़ की थी। फर्म ने इसका इस्तेमाल 2016 अमेरिकी प्रेसिडेंट इलेक्शन को प्रभावित करने के लिए किया था। इसके बाद से कई अटकलें लगाईं जा रही हैं। ऐसे में हम आपको बताएंगे कि कैसे अपने स्मार्टफोन की जानकारी को सुरक्षित रखा जाए, जानते हैं इन बड़ी बातों को,
कैसे हो सकती है आपकी जानकारी चोरी?


आसान भाषा में समझाएं तो आप जब किसी सोशल नेटवर्किंग साइट पर लॉग इन करते हैं, तो आपसे आपकी कुछ जानकारी मांगी जाती है। जैसे नाम, पता, ईमेल आइडी, कॉन्टेक्ट नंबर इत्यादि। इन जानकारियों को पूरा कर के आप किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना अकाउंट बनाते हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर थर्ड पार्टी एप्स जिन्हें आपने जाने या अनजाने में परमिशन दी हो, वो आपके जानकारियों का इस्तेमाल करते हैं। यहां खतरा ये है कि हैकर्स इन थर्ड पार्टी एप्स के जरिए आपकी जानकारी चुरा सकते हैं। इतना ही नहीं हैकर्स इन जानकारी का गलत इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

ऐसा ही कुछ स्मार्टफोन में एप्स को डाउनलोड करने पर होता है। एप्स अपनी सेवा के अनुसार आपके कॉन्टेक्ट नंबर, मीडिया गैलरी और कई चीजों को एक्सेस करने की जानकारी मांगते हैं। अगर हैकर्स के हाथ ये जानकारी लग जाए, तो आपका काफी नुकसान हो सकता है।
हैरान करने वाली रिपोर्ट

एक जर्मन विश्वविद्यालय की तरफ से मई, 2017 में एक रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट में बताया गया कि गूगल प्ले स्टोर पर 234 एप्स ऐसे पाए गए जो यूजर की जानकारी का गलत इस्तेमाल कर रहे थे। ये एप्स यूजर के माइक्रोफोन के जरिए उनके टीवी पर चल रहे कार्यक्रम और विज्ञापनों को सुनते थे। रिपोर्ट में बताया गया कि एप माइक्रोफोन के जरिए यूजर्स की टीवी देखने की आदत को मॉनिटर करते थे.

एप को परमिशन देने से पहले इस बात का रखें ध्यान.
अगर आपसे मैसेंजर, कॉलिंग या कोई ऑडियो एप आपके माइक्रोफोन को एक्सेस करने की जानकारी मांगता है, तो इसे समझा जा सकता है। लेकिन अगर एक गेमिंग एप या ई-कॉमर्स एप आपके माइक्रोफोन की इजाजत मांगता है, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। एक गेमिंग या ई कॉमर्स एप को आपके माइक्रोफोन से क्या लेना देना।

ऐसे ही हर एप को कौन सी एक्सेस देनी है इस बात का ध्यान रखें। अपने फोन की Settings में जाकर App ऑप्शन पर टैप करें। यहां आपको Permission ऑप्शन दिखाई देगा, इसपर टैप करके आप कई जानकारियों को साझा करने से रोक सकते हैं..

गूगल का डेवलपर्स को निर्देश.

गूगल की तरफ से सभी एप डेवलपर्स को सख्त निर्देश दिए गए हैं। डेवलपर्स को यूजर्स की उन्हीं जानकारियों को एक्सेस करने की इजाजत मांगना है, जो एप को लिए के जरूरी हो। डेवलपर्स किसी भी दूसरी जानकारी को एक्सेस नहीं कर सकते।
गूगल की तरफ से साफ निर्देश है कि कोई भी डेवलपर किसी भी यूजर की जानकारी बिना उनकी इजाजत के एक्सेस नहीं कर सकता।
गूगल एप डेवलपर्स से कहता आया है कि वो यूजर को इस बात की जानकारी दे कि वो कौन सा डाटा एक्सेस करना चाहता है। डेवलपर्स को इसकी जानकारी अपने पेज पर देनी होगी

यहां करें शिकायत

अगर आपको किसी भी एप से परेशानी है तो आप इसकी शिकायत गूगल से कर सकते हैं। आपको गूगल प्ले के Help page पर जाना होगा। यहां आपको Report Content Issues and Violations पर जाकर शिकायत दर्ज करनी होगी। गूगल, प्ले स्टोर से कई एप्स को पहले भी हटा चुका है

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