HTML Version List: HTML 1.0 से HTML5 तक की पूरी जानकारी | Ansh Computer

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HTML Version List: HTML 1.0 से HTML5 तक की पूरी जानकारी | Ansh Computer

Post By: Co- Founder, Vinay Kumar Verma


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 हेल्लो फ्रेंड्स आज के इस पोस्ट में  हम पढेंगे की HTML कितने प्रकार की होती हैं , तो चलिए शुरू करते हैं पूरी जानकारी हिंदी 

HTML के कई टाइप आ चुके हैं, जिनमें से प्रत्येक में नए फीचर्स और सुधार शामिल किए गए हैं:

HTML 1.0 (1993) - यह पहला संस्करण था, जो केवल बेसिक टेक्स्ट फॉर्मेटिंग को सपोर्ट करता था।

HTML 2.0 (1995) - इसमें फॉर्म एलिमेंट्स जोड़े गए।

HTML 3.2 (1997) - यह व्यापक रूप से अपनाया गया, जिसमें टेबल्स और स्टाइल शीट सपोर्ट शामिल था।

HTML 4.01 (1999) - इसमें स्क्रिप्टिंग, स्टाइलिंग और एक्सेसिबिलिटी के लिए सुधार किए गए।

XHTML (2000) - यह HTML और XML का संयोजन था, जिसे अधिक संरचित बनाया गया।

HTML5 (2014) - यह सबसे आधुनिक संस्करण है, जिसमें मल्टीमीडिया सपोर्ट, सेमांटिक टैग्स और मोबाइल फ्रेंडली सुविधाएँ शामिल हैं।


⮞ HTML 1.0 क्या है? (What is HTML 1.0?)

HTML 1.0 पहला आधिकारिक HTML संस्करण था, जिसे 1993 में develop किया गया। यह बहुत ही सरल और बेसिक था और केवल वेबपेज की संरचना बनाने के लिए उपयोग किया जाता था। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित थीं:- जो नीचे दिया गया हैं 

  • सिंपल टेक्स्ट फॉर्मेटिंग: केवल बेसिक टेक्स्ट स्टाइलिंग (जैसे  bold और italic  ) का सपोर्ट था।
  • हाइपरलिंक्स: वेबपेज को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए एंकर टैग (<a>) का उपयोग किया जाता था।
  • इमेज सपोर्ट नहीं था: इस संस्करण में इमेजेज को सीधे HTML में एम्बेड करने की सुविधा नहीं थी।
  • टेबल्स और फॉर्म्स का अभाव: इस संस्करण में table, form, और scriptingजैसी उन्नत सुविधाएँ नहीं थीं।
  • HTML 1.0 केवल वेब टेक्स्ट डॉक्यूमेंट्स को लिंक करने और साधारण संरचना प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया था। यह बाद के संस्करणों के लिए आधारशिला बना और समय के साथ इसमें नई सुविधाएँ जोड़ी गईं।


⮞ HTML 2.0 क्या है? (What is HTML 2.0?)

HTML 2.0 को 1995 में develop किया गया और यह पहला ऐसा संस्करण था जिसे आधिकारिक मानक (standard) माना गया। HTML 2.0 ने HTML 1.0 के सभी फीचर्स को शामिल किया और कुछ नए महत्वपूर्ण फीचर्स जोड़े, जो वेबपेज को और अधिक इंटरएक्टिव बनाने में सहायक थे।

HTML 2.0 की प्रमुख विशेषताएँ:

  • form सपोर्ट: इसमें <form> एलिमेंट को जोड़ा गया, जिससे यूजर इनपुट लेना संभव हुआ।
  • image सपोर्ट: <img> टैग का उपयोग करके वेबपेज में इमेज जोड़ने की सुविधा दी गई।
  • table का अभाव: इस संस्करण में अभी भी टेबल्स को सपोर्ट नहीं किया गया था।
  • बेसिक स्टाइलिंग: CSS का उपयोग अभी भी संभव नहीं था, लेकिन कुछ बेसिक टेक्स्ट स्टाइलिंग उपलब्ध थी।
  • मल्टीमीडिया सपोर्ट नहीं: इस संस्करण में वीडियो और ऑडियो एलिमेंट्स का सपोर्ट नहीं था।
  • HTML 2.0 ने वेबपेज निर्माण को अधिक प्रभावी बनाया और वेब डेवलपमेंट को एक नया रूप दिया। इसके बाद के संस्करणों में और भी अधिक सुधार और सुविधाएँ जोड़ी गईं।


⮞ HTML 3.2 क्या है? (What is HTML 3.2?)

HTML 3.2 को 1997 में develop किया गया और यह पहला व्यापक रूप से अपनाया जाने वाला HTML संस्करण था। इसने वेबपेज डिज़ाइन को अधिक शक्तिशाली और उपयोगी बनाया।

HTML 3.2 की प्रमुख विशेषताएँ:

  • table का सपोर्ट: इस संस्करण में <table> एलिमेंट को जोड़ा गया, जिससे डेटा को बेहतर ढंग से व्यवस्थित किया जा सकता था।
  • styling में सुधार: इसमें स्टाइल शीट्स (CSS) का उपयोग शुरू हुआ, जिससे वेबपेज को अधिक आकर्षक बनाया जा सकता था।
  • scripting सपोर्ट: इस संस्करण में जावास्क्रिप्ट (<script>) को जोड़ा गया, जिससे वेबपेज अधिक इंटरएक्टिव हो सके।
  • एपलेट्स (Applets) का समर्थन: इसमें जावा ऐपलेट्स को सपोर्ट दिया गया, जिससे डायनामिक कंटेंट जोड़ा जा सकता था।
  • बेटर फॉर्म एलिमेंट्स: इनपुट फील्ड्स, रेडियो बटन और चेकबॉक्स जैसी सुविधाओं को बेहतर बनाया गया।
HTML 3.2 ने वेब डेवलपमेंट को और अधिक सक्षम बनाया, जिससे वेबपेज अधिक व्यवस्थित और आकर्षक बनने लगे। इसके बाद, HTML 4.01 और अन्य संस्करणों ने और भी अधिक सुधार किए।




⮞ HTML 4.01 क्या है? (What is HTML 4.01?)

HTML 4.01 को 1999 में develop किया गया और यह HTML 3.2 का उन्नत संस्करण था। इसने वेब डेवलपमेंट के लिए कई नई सुविधाएँ और सुधार पेश किए !

HTML 4.01 की प्रमुख विशेषताएँ:

  • बेहतर स्क्रिप्टिंग सपोर्ट: यह संस्करण JavaScript और CSS को अधिक प्रभावी तरीके से सपोर्ट करता था !
  • स्टाइलिंग और डिज़ाइन में सुधार: CSS (Cascading Style Sheets) का व्यापक रूप से उपयोग किया जाने लगा, जिससे वेबपेज का डिज़ाइन अधिक प्रभावी बना!
  • फ्रेम्स का सपोर्ट: इसमें <iframe> एलिमेंट को शामिल किया गया, जिससे वेबपेज के भीतर अन्य पेज को एम्बेड किया जा सकता था!
  • फॉर्म एलिमेंट्स का विस्तार: इसमें नए इनपुट टाइप, लेबल और अन्य उपयोगी एलिमेंट्स जोड़े गए !
  • एक्सेसिबिलिटी सुधार: वेबपेज को विकलांग उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक सुलभ बनाने के लिए ARIA विशेषताओं और बेहतर मार्कअप जोड़ा गया !
  • डॉक्यूमेंट ऑर्गेनाइजेशन में सुधार: <div> और <span> जैसे कंटेनर एलिमेंट्स को अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाने लगा !

HTML 4.01 वेब डेवलपमेंट की दुनिया में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था और यह वेबपेज निर्माण को अधिक संगठित और प्रभावशाली बनाने में सहायक रहा। इसके बाद, XHTML और HTML5 ने और भी अधिक सुधार और आधुनिक सुविधाएँ जोड़ीं !



⮞ XHTML (2000)

XHTML (Extensible HyperText Markup Language) को 2000 में develop किया गया और यह HTML 4.01 और XML (Extensible Markup Language) का संयोजन था। इसका मुख्य उद्देश्य HTML को अधिक संरचित और मानकीकृत बनाना था !

XHTML की प्रमुख विशेषताएँ:-

  • सख्त सिंटैक्स नियम (Strict Syntax Rules): XHTML को अधिक सख्त सिंटैक्स नियमों का पालन करना होता था, जैसे कि सभी टैग्स को लोअरकेस में लिखना और हर टैग को बंद करना आवश्यक था !
  • XML के नियमों का पालन:- HTML की तुलना में यह अधिक संगठित था और XML के नियमों का पालन करता था !
  • बेहतर ब्राउज़र संगतता (Better Browser Compatibility): यह विभिन्न प्लेटफार्म और डिवाइसेस में बेहतर संगतता प्रदान करता था !
  • मॉड्यूलर संरचना (Modular Structure): इसे विभिन्न वेब अनुप्रयोगों के लिए कस्टमाइज किया जा सकता था !
  • बेहतर एक्सेसिबिलिटी (Improved Accessibility): यह स्क्रीन रीडर और अन्य सहायक तकनीकों के साथ अधिक संगत था !

हालाँकि, XHTML का उपयोग धीरे-धीरे कम हो गया क्योंकि HTML5 को अधिक लचीला और शक्तिशाली बनाया गया, जिससे यह अधिक लोकप्रिय हो गया !



 ⮞ HTML5 (2014)

HTML5 को 2014 में develop किया गया और यह HTML का अब तक का सबसे उन्नत और व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला संस्करण है। इसका मुख्य उद्देश्य वेब को अधिक इंटरएक्टिव, तेज़ और मोबाइल फ्रेंडली बनाना था !

HTML5 की प्रमुख विशेषताएँ:-

  • सेमांटिक टैग्स (Semantic Tags): नए टैग्स जैसे <header>, <article>, <section>, <footer> आदि जोड़े गए, जिससे कोड को अधिक संरचित और पढ़ने योग्य बनाया गया !
  • मल्टीमीडिया सपोर्ट (Multimedia Support): ऑडियो और वीडियो को जोड़ने के लिए <audio> और <video> टैग्स जोड़े गए, जिससे फ्लैश (Flash) पर निर्भरता खत्म हो गई !
  • कैनवास और एसवीजी (Canvas & SVG): <canvas> और <svg> टैग्स की मदद से वेबपेज पर डायनेमिक ग्राफिक्स और एनीमेशन जोड़े जा सकते हैं !
  • वेब स्टोरेज (Web Storage): लोकलस्टोरेज और सेशनस्टोरेज जैसी तकनीकों को जोड़ा गया, जिससे डेटा को ब्राउज़र में अधिक प्रभावी ढंग से स्टोर किया जा सकता है !
  • फॉर्म सुधार (Form Enhancements): <input> टैग में नए टाइप्स जैसे date, email, number, range आदि जोड़े गए, जिससे फॉर्म अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल (user-friendly) हो ग !
  • वेब वर्कर्स (Web Workers): बैकग्राउंड में जावास्क्रिप्ट को चलाने की सुविधा दी गई, जिससे परफॉर्मेंस में सुधार हुआ !
  • रिस्पॉन्सिव डिजाइन (Responsive Design): HTML5 को CSS3 और मीडिया क्वेरीज़ के साथ मिलाकर मोबाइल फ्रेंडली वेबपेज बनाए जा सकते हैं !
  • ऑफलाइन वेब एप्लिकेशन (Offline Web Applications): वेब एप्लिकेशन को ऑफलाइन मोड में भी उपयोग करने की सुविधा दी गई !

HTML5 ने वेब डेवलपमेंट को अधिक इंटरएक्टिव, तेज़ और प्रभावी बनाया है। यह आज के आधुनिक वेब और मोबाइल एप्लिकेशन के लिए मानक बन चुका है !


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💬 HTML से जुड़े कोई भी सवाल हों, कमेंट में पूछें!

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